pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 को मई 2016 में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने शुरू किया था (MOPNG)। pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 का मुख्य उदेश ये था कि गाँवों और वंचित परिवारों को स्वच्छ पकाने का इंधन, जैसे कि एलपीजी, उपलब्ध कराया जाए, जो अन्यथा लकड़ी, कोयला, गाय की गोबर आदि का उपयोग करते आ रहे हैं |
उज्ज्वला योजना का बजट क्या है ?
स्कीम pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 का बजट 80 अरब(billion)रुपये का दिया गया था। सरकार ने प्रति सिलेंडर पर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 200 रुपये की सब्सिडी दी। 10 अगस्त 2021 को माननीय प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से उज्ज्वला 2.0 का शुभारंभ किया और अक्टूबर 2023 में इसे 300 रुपये तक बढ़ा दिया था ताकि गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को1 करोड़ LPG कनेक्शन प्रदान किया जा सके।उज्ज्वला 2.0 में LPG कनेक्शन के लिए और 1 करोड़ रुपये के अतिरिक्त वित्त का उद्घाटन किया गया ताकि गरीब घरों की वयस्क महिलाओं को साफ खाने की ईंधन तक पहुंच मिल सके।
pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 का उदेश क्या है ?
1pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 में2019 तक गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 5 करोड़ परिवारों, खासकर महिलाओं, को LPG कनेक्शन प्रदान करके, धूम्र-मुक्त वातावरण को बढ़ावा देना।
2. pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 से करोड़ों गरीब लोगों के बीच जीवनघातक और स्वास्थ्य समस्याओं को रोका जा रहा है क्योंकि इसमें जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं होता।
3.LPG का उपयोग करने से महिलाओं को समय बचत होती है क्योंकि उन्हें ठोस ईंधन को इकट्ठा करके और पकाने की आवश्यकता नहीं होती है। अन्य आर्थिक कार्यों में, इस पकाने के समय को अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है।
4.लकड़ी का उपयोग बंद करने से वन की आवरण और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव होता है।
उज्जवला योजना कौन ले सकता है?
- गरीबी रेखा के नीचे रहने वाली महिला एक नई एलपीजी कनेक्शन के लिए एलपीजी वितरक को आवेदन कर सकती है।
- आवेदन पत्र में खाता संख्या और बैंक का विवरण, राशन कार्ड और आधार की जानकारी शामिल होनी चाहिए।
- एलपीजी क्षेत्रीय अधिकारी आवेदन को एसईसीसी 2011 डेटाबेस के साथ मिलाकर योग्य लाभार्थियों को कनेक्शन जारी करेंगे।
pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 में क्या चुनौतियां आ रही है ?
- कई योग्य परिवारों को आवश्यक दस्तावेज़ जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड की जरूरत थी, जिसे उन्हें व्यवस्थित करना मुश्किल था।
- गरीब परिवारों की पहचान करना एक प्रमुख कठिनाई थी क्योंकि योग्य परिवारों की पहचान के लिए सटीक डेटा की कमी थी, और उज्ज्वला योजना 2.0 के लाभ को अधिकतर गैर-लाभार्थियों ने हासिल किया।
- लाभार्थियों को खासकर वह जो गरीब और अशिक्षित थे, एलपीजी छुल्ले पर खाना पकाने के लिए सुरक्षा आवश्यकताओं के बारे में अधिक जागरूकता की जरूरत थी। इससे उनके लिए एलपीजी सिलेंडर का उपयोग करने में कुछ प्रकार की असुविधा उत्पन्न होती थी।
- एलपीजी वितरण की सीमित पहुंच के कारण कुछ क्षेत्रों में वितरक बनाने में कठिनाइयाँ आईं, (वन्य क्षेत्रों में )इससे वहाँ के लोग अस्पष्ट ईंधन का उपयोग करते रहे।
pradhan mantri ujjwala yojana 2.0 का निष्कर्ष क्या है?
2016 के बजट में उज्ज्वला योजना के लिए २००० करोड़ की सम्पति समर्पित की गयी थी | स्टोव और रिफिल लगवाने के लिए सरकार एमई का विकल्प भी होगा | उज्ज्वला योजना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के “गिव आईटी उप “Give it up campain” अभ्यं को सहायता करती है,जिसमे ७५ लाख माध्यम वर्ग और निमं माध्यम वर्गीय परिवारों ने अपनी गैस सब्सिडी को त्यागने का फैसला लिया है और उनकी सब्सिडी को गरीबों में बाटने का प्रयोजन किया जा रहा है |
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